सोमवार, मार्च 10, 2014

उफ! क्या थीं ये फिल्में जो दुनिया भर में तहलका मचा बैन हो गईं

बेसी-मोईः सताई महिलाओं ने जब लोगों को सतायाआखिर क्यों बैन हुई ये फिल्में

दुनिया भर में कई ऐसी फिल्में बनी जो अपनी विषय वस्तु और कथानक को लेकर आलोचनाओं में रहीं। इन्होंने दुनिया भर में विवाद पैदा कर दिया।

इनमें से कईयों को बैन कर दिया गया तो कुछ एक के निर्माता को अपनी जान तक से हाथ धोना पड़ा। ऐसी ही फिल्मों और इनसे जुड़ी पूरी जानकारियां हम आपको दे रहे हैं। 

निर्माता की ही जान ले गई 'सालो/द 120 डेज ऑफ सोडम'

इटली की ये फिल्म 1975 में आई और मोस्ट कंट्रोवर्सल फिल्मों की सरताज बन गई। फिल्म में बच्चों के एक ग्रुप का अपहरण कर लिया जाता है जो नाजी के हाथों की कठपुतलियां बन जाते हैं।

बच्चों के साथ रेप, मर्डर के अलावा कई वीभत्स टार्चर दिखाए गए। जिसमें ऐनल रेप जैसी कई गंदी हरकतें भी शामिल थीं। फिल्म आस्ट्रेलिया में 1993 तक बेन रही इसके बाद 1998 में इसको फिर से बेन कर दिया गया।

यही नहीं फिल्म बनाने वाले पॉयर पाओलो पासोलोनी के पास तो अपनी फिल्म की सफाई देने का भी वक्त नहीं बचा क्योंकि फिल्म रिलीज के बाद ही उनकी बेहद निर्ममतापूर्ण हत्या भी कर दी गई।
 

'लॉस्ट हाउस ऑन द लेफ्ट: शूटिंग में घबरा गई हीरोइन ही

1972 में आई ये फिल्म सेक्सअुल टार्चर पर आधारित थी। जिसमें दो टीनेज फ्रेंड्स का किडनेप कर लिया जाता है। इसके बाद इन दोनों को एक दूसरे के साथ सेक्स के लिए बाध्य किया जाता है। फिल्म में सेक्स हिंसा के कई सीन थे।

बताया जाता है कि फिल्म की हीरोइन सांड्रा पीबॉडी खुद शूटिंग के दौरान इतना विचलित हो गई थीं कि वह सैट ही छोड़ कर चली गईं। 

डायरेक्टर को ही जेल में ले गई 'लॉस्ट टेंगो इन पेरिस'

1972 में बनी ये फिल्म अपने कथानक और विषयवस्तु के कारण विवादों में आ गई। फिल्म के डॉयरेक्टर बर्नाडो को तो ‌चार महीने जेल की हवा भी खानी पड़ी।

फिल्म में सेक्स की खुशी पाने के लिए की गई हरकतें लोगों को जरा भी रास नहीं आईं। कई देशों में फिल्म को पूरी तरह से बेन कर दिया गया। इटली, पुर्तगाल और चिली में फिल्म पर 30 साल तक रोक लग गई।

वहशियाना हरकतों से भी आगे निकल गए ये 'किड्स'

अमेरिका में 1995 में आई फिल्म किड्स अपने नाम के एकदम विपरीत निकली। फिल्म में सेक्स एडिक्ट टीनेजर्स को दिखाया गया था। एचआईवी पीड़ित लड़के के ग्रुप द्वारा लड़की के साथ रेप जैसे तमाम विवादास्पद सीन थे।

सेक्स, नशा और वहशियाना हरकतों से भरपूर थी ये फिल्म। जिसने दर्शकों और क्रिटिक्स को चौंका कर रख दिया। फिल्म की खूब आलोचना हुई।
 

'एंटीक्रिस्ट' देख बेहोश हो गए थे चार लोग

डेनमार्क में बनी ये फिल्म इतनी वीभत्स और अजीब थी जिसे देख कान फिल्म फेस्टिवल में हुई स्क्रीनिंग के दौरान चार लोग बेहोश हो गए थे। टेलीग्रॉफ फिल्म क्रिटिक्स ने इस फिल्म को टार्चर पोर्न को लेबल दिया था।

फिल्म में एक कपल्स के सेक्स मूमेंट के दौरान उनके बेटे की खिड़की से गिरकर मौत हो जाती है। निराशा में ये पति-पत्नी एक दूसरे को ही टार्चर करने लगते हैं। फिल्म में पत्नी द्वारा पति के पैर में ड्रिल मशीन से छेद कर लकड़ी डालने जैसे भयंकर दृश्य थे।
 

बेसी-मोईः सताई महिलाओं ने जब लोगों को सताया

बेसी-मोई दो ऐसी महिलाओं की कहानी थी जो काफी वॉयलेंस झेल चुकी थीं। ये दोनों मिलती हैं और कुछ नया एक्साइटिंग करने की चाह में एक रोड ट्रिप पर निकल जाती हैं। इसी ट्रिप के बाद शुरु होती है सेक्स और हत्याओं की सिलसिलेवार कहानी।

जिसकी जिम्मेदार ये दोनों महिलाएं होती है। दोनों को देश की मोस्ट वांटेड नॉटीरिअस घोषित कर दिया जाता है। फिल्म की दोनों हीरोइनें पूर्व पोर्न स्टार थीं। फिल्म इतनी वॉयलेंटेड थी कि फ्रांस में इसकी जमकर आलोचना हुई।

ब्रिटेन में फिल्म में 10 सेकेंड के कट के बाद 18 सार्टिफिकेट के साथ रिलीज की इजाजत मिली। फिल्म का पोस्टर लंडन में पूरी तरह बेन कर दिया गया। फ्रांस की ये फिल्म 2000 में आई थी।
 
 

रिलीज न हो सकी'द एक्सोरिस्ट'

अमेरिका की ये फिल्म 1973 में बनाई गई थी। जिसे आलोचकों ने रिलीजियस पोर्न बताते हुए बेहद विवादास्पद करार दिया।1984 वीडियो रिकार्डिंग एक्ट के तहत फिल्म को रिलीज करने से साफ मना कर दिया गया साथ ही इस फिल्म की कोई भी वीडियो कॉपी यूके में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर दी गई।
 

बैन ही रही 'ए क्लोकवाइज ऑरेंज'

यूके की ये फिल्म बनी तो 1971 में थी लेकिन बाद में ये पर्दे पर नहीं दिख सकी। फिल्म में डर्टी रेप सीन्स और वीभत्स हिंसा के कई दृश्य थे। मीडिया ने फिल्म की खूब आलोचना की।
यही नहीं डायरेक्टर और उसके परिवार को जान से मारने की धम‌कियां भी मिलती रहीं। आखिरकार ये फिल्म बैन कर दी गई।
 

धार्मिक भावनाओं को हिला गई'लाइफ ऑफ ब्रॉयन'

1979 में आई ब्रिटेन की ये फिल्म आते ही विवादों में छा गई। फिल्म को धार्मिक आस्‍थाओं पर प्रहार करने वाली माना गया। चर्च और धार्मिक संगठनों ने इस फिल्म को पूरी तरह से बेन करने की मांग कर दी।
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स्पिट ऑन योर ग्रेव

1978 में आई अमेरिका‌ निर्मित ये फिल्म बदले और बलात्कार पर आधारित थी। फिल्म में रेप सीन के अलावा भयंकर वीभत्स दृश्य भी थे। जिसमें रेप और टार्चर को बहुत ही गंदे ढंग से दिखाया गया।

फिल्म को रिलीज से पहले ही अमेरिका में सेंसर्ड कर दिया गया। बाद में युरोप के कई देशा में फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। क्रिटिक्स का मानना था कि ये फिल्म क्रिमिलन दिमाग वाले लोगों को और अधिक क्राइम करने के लिए प्रेरित करेगी।
 
 

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