शुक्रवार, मार्च 07, 2014

कश्मीरी छात्रों पर से हटा देशद्रोह का आरोप

मेरठ। भारत-पाक क्रिकेट मैच में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले कश्मीरी छात्रों के खिलाफ लगाया गया देशद्रोह का मुकदमा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की दखल के बाद वापस ले लिया गया है। जिला अधिकारी ने बताया है कि इस बाबत उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिला है, लिहाजा कश्मीरी छात्रों से देशद्रोह का मुकदमा वापस ले लिया गया है। हालांकि उनके ऊपर अन्य आरोपों तहत मुकदमा चलता रहेगा। इन कश्मीरी छात्रों के मुताबिक उन्हें तुरंत विश्वविद्यालय छोड़कर यहां से चले जाने को कहा गया था। इसके बाद छात्रों ने अपना करियर चौपट होने को लेकर चिंता जताई है।
गौरतलब है कि मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय में पाकिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी करने पर 66 कश्मीरी छात्रों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मसले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फोन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नाराजगी जताई थी।
उनका कहना था कि बेशक ये छात्र दोषी हैं लेकिन उन्हें दी जा रही सजा जरूरत से ज्यादा सख्त है। अखिलेश ने भी इस पर सहमति जताई। इस मुद्दे पर कश्मीर में सियासत तेज हो गई है। जहां हुर्रियत कांफ्रेंस ने शुक्रवार को वादी में हड़ताल और प्रदर्शनों का एलान किया है तो प्रमुख विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन को कश्मीरी छात्रों से क्षमायाचना की मांग की है। इस बीच केंद्र सरकार ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से जांच रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि गत दो मार्च को एशिया कप के एक मैच में पाकिस्तान की भारत पर जीत की खुशी में मेरठ स्थित स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीरी युवकों ने पाकिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी करते हुए खूब हंगामा किया था। इस पर वहां अन्य छात्रों के साथ मारपीट की भी नौबत आ गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कश्मीरी छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकालते हुए पुलिस में शिकायत की थी।
इसके बाद बुधवार को पुलिस ने 66 कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया। गुरवार देर रात उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव [गृह)] नवनीत सहगल ने बताया कि छात्रों पर लगे मुकदमे वापस ले लिए गए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर लिखा कि 'देशद्रोह के मामले से इन युवकों का भविष्य चौपट हो सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार को इनके खिलाफ ऐसी कठोर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।'
ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि मेरठ में जो हुआ है, वह साबित करता है कि कश्मीरी नौजवान कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। दूसरी तरफ, मेरठ से आए कश्मीरी छात्रों के एक गुट ने लालचौक के साथ सटे प्रेस एंक्लेव में प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनके साथ पक्षपात हुआ है। उनके साथ मारपीट हुई, लेकिन उनका पक्ष नहीं सुना गया। उल्लेखनीय है कि देशद्रोह के मामले में कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।

इस बीच पाकिस्तान ने कश्मीरी छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा किए जाने पर भारत की आलोचना की है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि अगर ये छात्र पाकिस्तान में शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं तो हमारे दिल और शैक्षिक संस्थान के दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं। इस्लामाबाद में कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारतीय झंडा जलाते हुए भारत सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की।

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