मंगलवार, जनवरी 07, 2014

तैयार हो रहा है दिल्ली सरकार में करप्शन खत्म करने का ब्लू प्रिंट

नई दिल्ली भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐक्शन की कवायद में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत सभी विभागों को आदेश जारी किए जा रहे हैं कि वे अपने यहां के उन ऑफिसरों और अन्य कर्मचारियों की जानकारी दें, जिनके खिलाफ पहले से ही भ्रष्टाचार के मुकदमे चल रहे हैं। इसके अलावा विभागों से यह सूचना भी मांगी जा रही है कि ऐसे कौन से अधिकारी है जो तीन सालों से अधिक समय तक मलाईदार पोस्ट पर जमे हुए हैं। माना जा रहा है कि इस जानकारी के आधार पर ही सरकार अपना ऐक्शन प्लान तैयार करेगी।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम की शुरुआत करते हुए नई सरकार ने कल दिल्ली जल बोर्ड के करीब 800 कर्मचारियों का ट्रांसफर किया है। ये कर्मचारी 25 वाटर इमरजेंसी सेंटरों में तीन साल से अधिक समय से तैनात थे। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड में खुलेआम रिश्वत लिए जाने का मामले सामने आने के बाद तीन कर्मचारियों को सोमवार को सस्पेंड कर दिया गया।
सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को ही खास मुद्दा बनाकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता हासिल की है। अब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कार्ययोजना लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि इसी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले कई दिनों से विभिन्न विभागों के आला ऑफिसरों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में विभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किए जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था बनाने की बात कही जा रही है, जिससे आम आदमी को सरकारी विभागों में काम करवाते समय भ्रष्टाचार का सामना न करना पड़े।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार करप्शन की शिकायत दर्ज करवाने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा तो शुरू करने जा रही है, लेकिन सरकार का यह भी मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ विभागों में अंदरूनी ऐक्शन भी शुरू कर दिया जाना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि इसी कड़ी के तहत सभी सरकारी विभागों को जल्द आदेश जारी किए जा रहे हैं कि वे उन ऑफिसरों और अन्य स्टाफ की लिस्ट तैयार करे, जिनके खिलाफ पहले से ही भ्रष्टाचार के मुकदमे चल रहे हैं। विभागों से इस बात की भी जानकारी मांगी जाएगी कि मुकदमे दर्ज होने के बाद किन ऑफिसरों के खिलाफ 'किन कारणों' से ऐक्शन नहीं हुआ। संभावना है कि ऐसे दागी ऑफिसरों की फाइल दोबारा खोली जाएगी और उनके खिलाफ मुकदमे आदि दायर किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े एक आला अधिकारी के अनुसार विभिन्न विभागों को जल्द यह आदेश भी जारी किए जा रहे हैं कि कौन से ऐसे अधिकारी हैं, जो तीन साल से अधिक तक मलाईदार पदों पर जमे हुए हैं। विभागों से यह भी पूछा जाएगा कि किन कारणों से उनका तबादला नहीं किया गया और उनके पीछे किसका हाथ है। अधिकारी का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरुआती ऐक्शन में उन दागी ऑफिसरों को टारगेट पर लिया जाएगा, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे भी चल रहे हैं और वे मलाईदार पदों पर भी जमे बैठे हैं।

सरकार के पास इस बात की भी जानकारी पहुंच चुकी है ऐंटि करप्शन विभाग में भ्रष्टाचार के करीब चार हजार मामले दर्ज हैं। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण विभाग भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं ले पा रहा है। इसका एक परिणाम यह होता है कि इन दागी ऑफिसरों के मुकदमों को उन्हीं के विभागों के विजिलेंस विभाग को भेज दिया जाता है। लेकिन वे वहां सेटिंग कर लेते हैं, जिसके बाद उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं हो पाता। ये चार हजार मुकदमे एमसीडी, जल बोर्ड, ट्रांसपोर्ट, वन विभाग, वैट विभाग आदि के अफसरों के खिलाफ चल रहे हैं।

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